काश, मुख्यमंत्री योगी जी पटियाली के भीषण अग्नि कांड के पीड़ितों से भी मिलते। नहीं दिया मुख्यमंत्री को विधायक और सांसद ने इस भीषण अग्निकांड के बारे में फीडबैक। सहाबर से चंद किमी की दूरी पर थे पटियाली के यह अग्निकांड से पीड़ित 4 गांव रिकैरा, नगला नियाज अली, नगला दुरगू एंव नगला करन।
अग्निकांड में जल कर राख हो गए थे पूरे 225 घर। जिसमें एक बच्चा जल कर काल कलवित हुआ था तथो दर्जनों की संख्या में महिलाएं व पुरूष गंभीर रूप से जल गये थे। बहुत सी मवेशी जल कर इन गरीब ग्रामीणों की जलकर खत्म हो गई थी। रोटी, कपड़ा और मकान के साथ साथ इन गरीब लोगों के अरमान भी जलकर राख हो गए थे।
पटियाली की गंगा की गोद में बसे गांव रिकैरा, नगला नियाज अली, नगला दुरगू एंव नगला करन के अग्निकांड के पीड़ितों की एटा, कासगंज के कुछ समाजसेवी संगठनों ने भी पहुंच कर मदद की थी। अग्निकांड की आपदा से पीड़ित भूखे, प्यासे सैकड़ों लोगों के लिए आसपास के गांवों से खाना भले लोगों द्वारा पहुंचाया गया था। आज भी अग्निकांड से पीड़ित इन सैकड़ों लोगों के सामने रोजी, रोटी का भीषण संकट है। कितने अफसोस की बात है कि 225 घरों की तबाही की उपर्युक्त जानकारी जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को नहीं दी, और बह चंद दूरी से ही लौट गए। काश, योगी जी अपनी आँखों से अग्नि कांड के पीड़ितों की दुश्वारियों की भयावहता देख पाते।
वरिष्ठ पत्रकार इबलाश खान की फेसबुक वाॅल से
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