#मोटाभाई-की-माया
देख लो भाइयों मै तो पहले से कह रहा था कि , अब विष्णु पालनहार है ।
कल रात मोटाभाई का फोन आया वे बोले - अब चुनाव निपट गये है , नरम लिखो , वापस धर्म-ज्ञान की पोस्ट पर ध्यान लगाओ ,हिन्दू चेतना को जाग्रत करने में वापस लग जाओ ।
इससे पहले कैम्पेनिंग के समय मोटा भाई बोले थे कि , पक्का जीत रहे हैं , कलम को लठ्ठ बनालो , धूं-धां मचा दो । सो हम काम पे लगे रहे थे ।
मैंने औपचारिकता वश पूछा - मोटाभाई कल दिनभर आप दिखे नही ?
मोटा भाई बोले - इमरजेंसी आगई थी । कर्नाटक जीतने के चक्कर में 130 evm को Every Vote for Modi मोड़ पर सेट करा था ।
फिर एन मौके पर मेरी जानकारी में आया कि , कर्नाटक जीतने वाला केंद्र में हार जाता है ।
अब मै ठहरा धर्म-परायण शगुन अपशगुन मानने वाला आदमी सो धर्म-संकट में फस गया ।
" कर्नाटक दक्षिण का फाटक " है , अभी हारुं या 19 में ? तो साहेब को फोन किया ।
अब साहेब भी देव-धामी मानने वाले , रामायणी आदमी , उनके भी ध्यान में आया की जनकपुर से लौटते ही राज्याभिषेक करवाने का क्या परिणाम होता है ।
सो वो बोले मोटा भाई evm वापस पलटाओ , अभी हार कर अपशगुन भर दो , फिर भले ही तुम्हारे हिसाब से सरकार बानाते रहना ।
अब दुनिया जानती है " सरकार बनाना मोटा भाई का पेशन है " । ( मोटाभाई जहां जीतते हैं वहां सरकार बनाते है और जहां नही जीतते वहां तो डेफिनेटली बनाते है ) ।
सो बीच का रास्ता बनाया की हार भी जायं और सरकार भी बनालें । मतलब सिंगल लार्जेस्ट पार्ट
आदमी दौड़ाया evm पर , जब तक 120 सीट आ चुकी थी । हाय बाप से वापस सभी evm 104 पर सेट की , इसमें दिन भर लग गया । इसलिए दिनभर दिखा नही ।
" हे कर्नाटके , आसमान से गिरे खजूर में अ टके "
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