योगी अंकल हमारे पापा कभी किसी का बुरा नहीं सोचते थे हमारे पापा अपराधी नहीं थे फिर पुलिस ने उन्हें क्यों मारा--
मृत विवेक तिवारी की बच्चियों के सहज प्रश्न हमारी मरी संवेदनाओं को जिंदा करने की एक कोशिश।
नीचे तस्वीर में देखो इस खुशहाल परिवार की उड़ान को दफन करने का जिम्मेदार कौन???
जो शासन प्रशासन हमारी सुरक्षा के लिए है, जब वही हमें मारने लगे तो क्या करें???
नीचे तस्वीर में देखो इस खुशहाल परिवार की उड़ान को दफन करने का जिम्मेदार कौन???
जो शासन प्रशासन हमारी सुरक्षा के लिए है, जब वही हमें मारने लगे तो क्या करें???
भाई विवेक तिवारी की सरकारी और प्रशासनिक मौत उसके बाद उसके चरित्र हनन की वेशर्म प्रशासनिक कोशिश
ये सभी घटनाक्रम कहीं प्रशासनिक अत्याचार के खिलाफ एक नई क्रांति को जन्म न देदे।
पहले
सरकार के खिलाफ लिखने और बोलने
वालों की हत्या की गई, पीटा गया और धमकाया गया।
फिर
सरकार के खिलाफ वोट करने वाले अल्पसंख्यकों, दलितों की देशभक्ति और गौभक्ति के नाम पर हत्या की गई, पीटा गया और पाकिस्तान चले जाने की धमकी दी गयी।
अब
सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोला फिर भी मारा गया
अपने परिवार, अपनी दो बच्चियों और अपनी जॉब के बीच जिंदगी की उड़ान भरने वाले भाई विवेक तिवारी की सरकारी और प्रशासनिक मौत कई सवाल छोड़ कर गयी है??????
आप बोलते हैं तब भी मारें जाते हैं,जब आप नहीं बोलते तब भी मारे जाते हैं।
अब अगर मौत ही हमारा सच है तो बहरो हमारी आवाज का धमाका तुम्हारी नींद उड़ा देगा।
ये सभी घटनाक्रम कहीं प्रशासनिक अत्याचार के खिलाफ एक नई क्रांति को जन्म न देदे।
पहले
सरकार के खिलाफ लिखने और बोलने
वालों की हत्या की गई, पीटा गया और धमकाया गया।
फिर
सरकार के खिलाफ वोट करने वाले अल्पसंख्यकों, दलितों की देशभक्ति और गौभक्ति के नाम पर हत्या की गई, पीटा गया और पाकिस्तान चले जाने की धमकी दी गयी।
अब
सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोला फिर भी मारा गया
अपने परिवार, अपनी दो बच्चियों और अपनी जॉब के बीच जिंदगी की उड़ान भरने वाले भाई विवेक तिवारी की सरकारी और प्रशासनिक मौत कई सवाल छोड़ कर गयी है??????
आप बोलते हैं तब भी मारें जाते हैं,जब आप नहीं बोलते तब भी मारे जाते हैं।
अब अगर मौत ही हमारा सच है तो बहरो हमारी आवाज का धमाका तुम्हारी नींद उड़ा देगा।
नोट-आप सभी अंध सरकार समर्थकों को कसम है सरकार के जायज नाजायज हर काम का तब तक समर्थन करते रहना जब तक ये आग तुम्हारे दरवाजे पर दस्तक न दे दे।
बड़ी मछली, पहले छोटी मछली को खाती
जब छोटी मछली खत्म हो जाती है
फिर बड़ी मछलियां एक दूसरे को ही खाने लगती हैं।
बचोगे तुम भी नहीं।
बड़ी मछली, पहले छोटी मछली को खाती
जब छोटी मछली खत्म हो जाती है
फिर बड़ी मछलियां एक दूसरे को ही खाने लगती हैं।
बचोगे तुम भी नहीं।
समाजसेवी मेधाव्रत शास्त्री की एफबी बाल से
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