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जिन्ना तस्वीर काण्ड के बहानेें देश की अखण्डता को तोडने का प्रयास

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फारूक अब्बास। कासगंज में हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने अलीगढ के जिन्ना बबाल के बाद राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय को सौंपा। जिस ज्ञापन में माॅग की थी कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम बदल कर राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय रखना चाहिये। क्यांेकि अमुवि की जमीन को राजा महेन्द्र प्रताप ने दान किया था। 

एक और जिन्ना विवाद थमनें का नाम नही ले रहा है वहीं दूसरी और कासंगज में हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता एक नये विवाद को जन्म देने की कोशिश कर रहे हैं। ज्ञापन देने वालों कहना है कि अमुवि की जमीन राजा महेन्द्र प्रताप ने दान में दी थी इसलिये इसका नाम राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय होना चाहिये। उनका तर्क आधारहीन हैं। इस देश में न जाने कितने विश्वविद्यालयों, काॅलेजों, मन्दिरों, मस्जिदों को जमीन राजाओं ने दान में दी थीं। तो क्या सबके नाम उनके नाम पर होने चाहिये। 

दरअसल कुछ साम्प्रदायिक ताकते जानबूझ कर मामले को बढाबा देना चाहती हैं। सबको पता है कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय  मुस्लिमों की शिक्षा का एक बडा केन्द्र हैं। हाॅलांकि ऐसा नही हैं कि  वहाॅ सिर्फ मुस्लिम ही पढते हैं बल्कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सभी जाति धर्म के बच्चे पढते हैं और जिन्ना विवाद के बाद सभी छात्र चाहें वो हिन्दू हों या मुस्लिम छात्रसंघ के साथ खडें हैं। जिन्ना विवाद के बाद विश्वविद्यालय का नाम बदलनें की माॅग सीधे-सीधे मुस्लिमों को टारगेट करना हैं। उनको जाहिर करवाना हैं कि इस देश में उनके नाम से कोई चीज बर्दाश्त नही की जा सकती है। क्या ऐसी माॅग करना मुस्लिम समुदाय के लोगों को मानसिक रूप से छति पहुॅचाना नही हैं। राजा महेन्द्र प्रताप ने जब जमीन नाम की थी तब उन्होने सोचा भी नही होगा कि आने वाले सैकडों सालों बाद लोग उनके नाम से राजनीति करेंगे। हिन्दू मुस्लिम एकता को तोडनें की कोशिश करेंगंे। 

जो लोग अमुवि के नाम को लेकर राजनीति कर रहे हैं। क्या वो लोग ये जानते भी हैं कि गोरखपुर के मन्दिर की जमीन नबाब आसिफुद्दौला ने दान मे दी थी। ये हमारे देश की एकता की प्रतीक है कि एक मुस्लिम राजा मन्दिर के लिये जमीन देता है तो एक हिन्दू राजा एक विश्वविद्यालय के लिये। लेकिन कुछ लोग ऐसी एकता और अखण्डता को तोडनें का प्रयास करते रहते हैं। हाॅलांकि ये बात और है कि वो अपने इस प्रयास में न तो कभी सफल हुये हैं और न ही कभी सफल होंगे।

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