हथियारों से लैश देशद्रोही लोग यूनिवर्सिटी कैंपस मे घुसने की कोशिस करते है, पूर्व उप राष्ट्रपति (जिनका वहा कार्यक्रम था) को लेकर आपतिजनक शब्द/गाली का खुले आम पर्योग करते है, हथियार लहराकर अन्दर घुसकर हमला करने की कोशिस करते है| जब कुछ स्टूडेंट और वहा मौजूद कर्मी खतरा भापते हुए उन्हें रोकने की कोशिस करते है तो उनसे मार पीट करते है | यहाँ तक की भीड़ जयादा जुट जाती है और कुछ देशद्रोहियो को पकड़कर पुलिस के हवाले कर देते है, और पुलिस उन्हें आज़ाद छोड़ देती है | पुलिस के इस रवैये से नाराज़ स्टूडेंट उन देशद्रोहियो के खिलाफ FIR कराने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए परशाशन से मांग करते है और पुलिस उनकी मांग मानने के बजाये उनपर लाथीचार्ग कर देती है मौजूद लोग बताते है कि कुछ लोग को इतना बर्बर पिटाई की जाती है कि जैसे कितनी बड़ी और पुरानी दुश्मनी रही हो उन छात्रो से, उनमे से बहुत से छात्र उस दिन रोजा/वरत मे थे |
अब सवाल ये उठता है पूर्व उप राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी को बखूबी क्यों नहीं निभाया गया ?
उन हथियार लैस आतंकी / देशद्रोही को पुलिस स्वतः क्यों नहीं गिरफ्तार की ?
उन पर देशद्रोह का केस तुरंत स्वतः परशाशन ने क्यों नहीं लगाया ?
उन आतंकी / देशद्रोही को पुलिस क्यों छोड़ दी और उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हुयी ?
याद दिला दू पूर्व उप राष्ट्रपति पर हमले की कोशिश देश की सुरक्षा का मामला है यहाँ तुरंत देशद्रोह का केस बनाकर बड़े लेवेल पर कारवाही होनी थी, वो किस संगठन से थे वहा छापा डालना था, उन लोगो से जुड़े तमाम लोगो से अब तक जेलों को भर देना था | लेकिन ये क्या कोई कारवाही नहीं हुयी उल्टा जो स्टूडेंट और कर्मी मांग किये उन पर कारवाही हो रही, ऐसा क्यों ??
AMU मे दिन रात प्रोटेस्ट उन देशद्रोहीओ पर कारवाही और परशासन की कोताही को लेकर हो रहा है और देशद्रोहीओ के हिमायतियो ने जबरजस्ती जिन्नाह की फोटो का मुद्दा बनाकर इस मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिस किये और हम आपने उनको सफल बना दिया |
रुकिए अबसे, जिन्नाह से बाद मे निपतियेगा अभी ऊपर लिखे मुद्दे को ही हवा दे |
मै आपसे पूछना चाहता हु कि अगर ऐसे ही हमले कि कोशिस किसी non मुस्लिम पूर्व उप राष्ट्रपति पर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) मे किसी मुस्लिम संगठन ने किसी नॉन बीजेपी सरकार मे की होती तो क्या होता ??....
ये सोचते ही आपके होश उड़ गए ना, अब तक सैकड़ो लोग देशद्रोह/आतंक के आरोप मे अन्दर हो गए होते, BHU छावनी बन गया होता, मीडिया सोशल मीडिया पागल हो गया होता |
तो निष्कर्ष ये निकलता है कि AMU की ये लड़ाई amu के स्वाभिमान की है, देशद्रोहियो को सजा दिलवाने की है, परशाशन की चूक और उनकी उलट कारवाही की है, AMU को बदनाम करने के खिलाफ है ये लड़ाई | ये लड़ाई जिन्नाह की फोटो की कतई नहीं है, इसलिए जिनाह पर कोई किर्या और प्रतिकिर्या तुरंत बंद करिए | देश की आन्तरिक सुरक्षा के इस मुद्दे पर ही बाते करे |
याद रहे ये लड़ाई सिर्फ AMU वालो की नहीं है ये लड़ाई हम सब की है क्योंकी ये लड़ाई देशद्रोहियो के खिलाफ है, ये लड़ाई देशद्रोहियो का साथ देने और उल्टा निर्दोशो पर करवाई के खिलाफ है, ये लड़ाई मीडिया के प्रोपगंडा के खिलाफ है, ये लड़ाई एक अल्पसंख्यक समूह की इमेज खराब करने वालो के खिलाफ है| ये लड़ाई तब तक चलेगी जब तक कि देशद्रोहियो को गिरफ्तार ना कर लिया जाए, इस लड़ाई का जिन्नाह की फोटो से कोई सम्बन्ध नहीं है|
मेरी अपील है कि सभी सामाजिक, राजनितिक और तमाम संगठन इस लड़ाई मे AMU का साथ दे| देश विदेश जहा कही भी हो जिस माध्यम से हो सके इस अन्याय और प्रोपगंडा के खिलाफ लड़े, प्रोटेस्ट करे इत्यदि और AMU का इस जरुरत मे सहयोग करे |
मै खासकर AIMIM UP, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली के लोगो से इस लड़ाई मे पुरे जी जान से साथ आने की उम्मीद करता हु, आइये साथ संगठित होइए और अपने वजूद का इज़हार करे| ये लड़ाई अब इतिहासिक बननी चाहिए | याद रहे आपकी लड़ाई अब आपको खुद लड़ना है कोई साथ नहीं आने वाला, लोगो के इतना प्रेशर के बाद कही बड़ी मुश्किल से एक दो पोस्ट ट्वीट नेता जी लोग के आते है, इसलिए अब आप खुद नेता बनिए ना कि किसी नेता का इंतज़ार करे |
Shafi Khan की फेसबुक वाल से
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